विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में कई छात्र रजिस्ट्रेशन कर चुके है और वह अपना रजिस्ट्रेशन और फीस की वापसी चाहते है। इस तरह की शिकायत हर साल होती है। ये समस्या छात्रों के पेरेंट्स को भी परेशान करती है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा शुल्क वापसी के नियमों का सख्ती से पालन करने की नई नीति लागू की जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि इस हफ्ते ही यूजीसी द्वारा इस विषय में सर्कुलर जारी किया जाएगा।
यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. कुमार ने कहा है, कुछ छात्र-छात्राएं जिनका अच्छे संस्थानों या केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन हो चुका है, वे अब राज्य के विश्वविद्यालयों से नामांकन रद्द करवाकर दूसरे विश्वविद्यालय में जाना चाहते हैं। परंतु शुल्क वापस नहीं मिलने के कारण इस मामले में तकलीफ़ होती है। इसलिए नए सत्र में सभी विश्वविद्यालयों में शुल्क वापसी की नीति को सख्ती से लागू किया जाएगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा लागू किए गए नए नियम
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नए नियम के मुताबिक, अब 30 सितंबर तक अपना नाम रद्द करवाने पर पूरी फीस वापस मिलेगी। अगर कोई छात्र 31 अक्टूबर तक किसी विश्वविद्यालय से अपना नाम वापस लेता है, तो 1000 रुपये काट लिए जाएंगे। यूजीसी ने कहा है कि वे हर स्थिति में छात्रों के साथ हैं। इसी के चलते, 2022-23 में हजारों छात्रों को उनकी फीस वापस मिल चुकी है।
केंद्रीय विश्वविद्यालय में 16 अगस्त से शुरू होगा नया सत्र
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में नया सत्र 16 अगस्त से शुरू होगा। नामांकन के लिए संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) का रिजल्ट जुलाई के दूसरे सप्ताह में जारी किए जाने की उम्मीद है।
ग्रेजुएशन कोर्स के लिए सीयूईटी रजिस्ट्रेशन की आगे तिथि बढ़ानी पड़ी थी, क्योंकि कई राज्यों में अधिक छात्र आवेदन कर रहे थे। रिजल्ट जारी होने के बाद तुरंत ही काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू होगी। यूजीसी ने तय किया है कि सभी केन्द्रीय विश्वविद्यालयों और 210 संस्थानों में नए सत्र की शुरुआत 16 अगस्त से की जाएगी। यह यूजीसी की प्राथमिकता है इस बार सभी विश्वविद्यालयों में पढ़ाई अगस्त के दूसरे हफ्ते तक शुरू होगी।
नामांकन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं। इस बार छात्रों को एडमिशन लेने में कोई परेशानी न हो, इसलिए नए सत्र में तीन प्राथमिकताएं तय की गई हैं।