विश्वविद्यालयों के उच्च शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं में किताबें अनुवाद करने के लिए यूजीसी ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें आयोग कहता है कि अनुवाद सरल होना चाहिए और बहुविभाजित वाक्यों का उपयोग किया होना चाहिए। यूजीसी ने सभी को भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) द्वारा विकसित (AI) अनुवाद टूल, ‘ANUVADINI’ का उपयोग करने की सिफारिश की है। ANUVADINI टेक्स्ट फाइलों को अनुवाद करने के साथ-साथ बोलने से टाइपिंग और एडिटिंग भी कर सकता है।
द कमिशन फॉर साइंटिफिक एंड टेक्निकल टर्मिनोलॉजी (CSTT) ने विभिन्न विषयों में शब्दावली विकसित की है और अनुवाद या नई शब्दों या अवधियों को बनाते समय उन्हें संदर्भित करने में उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, ग्रंथ अकादमी, विश्वविद्यालयों और संस्थानों के भाषा विभाग, क्षेत्रीय भाषा अनुवाद के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।
यूजीसी ने भी सभी भारतीय भाषाओं में Pan – India सामान्य कोर शब्दावली का प्रोत्साहन करने की महत्वपूर्णता बताई है।
दिए गए संदर्भ को ध्यान में रखते हुए, मानकों में मूल नम्बरिंग या बुलेट पॉइंट साथ ही फार्मूला, एक्वेशन्स एंव सिम्बल्स पर भी ध्यान दिया गया है। ऐसे एलिमेंट्स अनुवादित पाठ में अपरिवर्तित रहने चाहिए। उदाहरण के लिए – नंबरिंग (1,2,3 …., या i, ii,..….) या बुलेट पॉइंट (a,b,c, …आदि) और प्रतीक जैसे Na, Cl, a, a,… आदि। यह महत्वपूर्ण है कि ये गाइडलाइन्स भारतीय भाषाओं में पाठ्यक्रम की ओरिजिनल राइटिंग के लिए भी लागू होते हैं।