राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीईटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर योगेश सिंह ने एनईपी 2020 की सिफारिशों के अनुसार बताया है कि चार वर्षीय बीएड कोर्स शैक्षिक वर्ष 2023 – 24 से शुरू किया जा रहा है।
भारत में आने वाले वर्ष 2030 से चार वर्षीय बीएड या चार-वर्षीय इंट्रीग्रेटेड टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम (आईटीईपी) की डिग्री होने वाले छात्र ही शिक्षक बन सकेंगे। इसका निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के माध्यम से लिया गया है, जिसमें बाल वाटिका से लेकर 12वीं कक्षा तक के लिए शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता निर्धारित की गई है।
इसमें बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकॉम-बीएड चार वर्षीय बीएड प्रोग्राम शामिल हैं। इसका खास अंश है कि 2023-24 शैक्षणिक सत्र से 41 विश्वविद्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत चार वर्षीय बीएड प्रोग्राम शुरू हो रहा है। अगले हफ्ते एनटीए (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) के माध्यम से एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हो जाएंगे।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीईटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर योगेश सिंह ने बताया है कि एनईपी 2020 की सिफारिशों के तहत चार वर्षीय बीएड कोर्स शुरू किया जा रहा है। अब से 2030 तक, स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए बीएड डिग्री कोर्स को अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें बीएड या इंट्रीग्रेटेड टीचर ट्रेनिंग (आईटीईपी) की डिग्री शामिल हैं। इस नए पाठ्यक्रम का पहला पायलट प्रोजेक्ट भारत के 41 विश्वविद्यालयों में शुरू हो रहा है।
यह पाठ्यक्रम छात्रों को नई स्कूल संरचना के चार चरणों के लिए तैयार करेगा, जिसमें फाउंडेशनल, प्रिपरेटरी, मिडिल और सेकेंडरी (5+3+3+4) शामिल हैं। इसके साथ ही, ट्रीग्रेटेड टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम छात्रों को आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा, मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता, समावेशी शिक्षा, भारतीय मूल्यों, कला, परंपराओं की समझ और अन्य विषयों में भी प्रशिक्षित करेगा।
यह पाठ्यक्रम अध्यापक शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान करेगा और भावी शिक्षकों को 21वीं सदी के वैश्विक मानकों की आवश्यकताओं के साथ परिचित कराएगा। इस तरह, वे नए भारत के भविष्य को स्थापित करने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे।
स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार का लक्ष्य रखते हुए, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकॉम-बीएड कोर्स शुरू हो रहा है। इस नए प्रोग्राम में, 12वीं कक्षा के बाद छात्रों को ड्यूल ग्रेजुएशन डिग्री प्राप्त करने का मौका मिलेगा। जो छात्र अपना भविष्य शिक्षक के रूप में बनाना चाहते हैं, वह अपनी रूचि एंव योग्यता के अनुसार बीए-बीएड, बीकॉम-बीएड और बीएससी-बीएड प्रोग्राम में से किसी एक में एडमिशन ले सकते हैं। हालांकि, पहले की तरह दो वर्षीय बीएड कोर्स भी जारी रहेगा।
इससे पहले, शिक्षक बनने के लिए छात्रों को तीन साल की ग्रेजुएशन डिग्री के साथ दो वर्षीय बीएड की पढ़ाई करनी होती थी। इस प्रक्रिया में पांच वर्ष का समय लगता था, लेकिन इस नए फॉरमेट के तहत, शिक्षक बनने आ सपना इस चार वर्षों में पूरा किया जा सकता है।
आगामी सप्ताह में, शैक्षणिक सत्र 2023-24 से पहले, पायलट प्रोजेक्ट के अनुसार 41 विश्वविद्यालयों में चार वर्षीय बीएड या चार वर्षीय आईटीईपी कोर्स शुरू किया जायेगा। इसमें दाखिले के लिए एनटीए (राष्ट्रीय सामान्य प्रवेश परीक्षा) आयोजित की जाएगी। इसमें छात्र प्रवेश परीक्षा में किए गए स्कोर के आधार पर एडमिशन ले सकते है। इसके प्रत्येक बैच में 50 छात्र होंगे और कुछ विश्वविद्यालयों को दो-दो बैचों में पढ़ाई करने की अनुमति भी है।
2024 सत्र से, एनसीटीई (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर ट्रेनिंग (आईटीईपी) का दूसरा पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा। इसके लिए एनसीईटीई ने विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को आवेदन करने के लिए आमंत्रित किया है। इच्छुक उच्च शिक्षण संस्थान 31 मई तक आवेदन कर सकते हैं। इस दूसरे पायलट प्रोजेक्ट में कॉलेजों को भी आवेदन करने की अनुमति दी जा रही है।