आईआईटी दिल्ली के आने वाले शैक्षणिक सत्र 2024-25 से वह नये पाठ्यक्रम के बदलाव करने जा रहे हैं, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के सुझावों के अनुसार होंगे। इसके तहत एमटेक और पीएचडी प्रोग्राम के पाठ्यक्रम पहले से ही तैयार हो चुके हैं, जबकि बीटेक प्रोग्राम का पाठ्यक्रम अभी तैयार किया जा रहा है। यह खास बात है कि आईआईटी दिल्ली ने फैसला लिया है कि 2024 सत्र से अपने पहले विदेशी कैंपस अबूधाबी में भारतीय छात्रों को जेईई एडवांस पर मेरिट के आधार पर और विदेशी छात्रों को यूएई या किसी अन्य नए दाखिला नियम के अनुसार सीटें प्रदान की जाएँगी।
निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी ने बताया है कि आईआईटी दिल्ली अगले शैक्षणिक सत्र से डॉक्टरों के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन में मॉस्टर्स ऑफ साइंस फॉर रिसर्च को शुरू करने जा रहा है। इसके साथ ही, आईआईटी दिल्ली के इंजीनियर और एम्स दिल्ली के डॉक्टर भी एक साथ संयुक्त पीएचडी में अध्ययन करेंगे। यह कोर्स साइंस और इंजीनियरिंग के बारे में होगा और इसकी घोषणा जल्द ही होगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी प्रोग्राम में बदलाव किया जा रहा है। इसमें मल्टीडिसिप्लिनरी, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट, और अकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के सुझावों का भी लाभ होगा, यानि कि बीटेक छात्रों के पास डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट प्राप्त करने के विकल्प होंगे।
इंजीनियरिंग के छात्र साइंस के साथ ही ह्यूमनिटीज़ के विषयों का भी अध्ययन कर सकेंगे। हमारा उद्देश्य सिर्फ़ इंजीनियरिंग डिग्री देना नहीं है, बल्कि छात्रों को कैंपस से बाहर निकलने से पहले स्किल्स भी सिखाना है। इसके साथ ही, रिसर्च, स्टार्टअप या अन्य विकल्पों का भी मौका मिलेगा।
होगी आईआईटी अबूधाबी कैंपस की शुरुआत
हम मिस्र के साथ जल्द ही कोर्स शुरू करेंगे, पर कैंपस नहीं बनेगा। प्रो. बनर्जी ने कहा है कि आईआईटी दिल्ली अबूधाबी कैंपस को शुरू करने जा रही है, लेकिन हमारे पास अब तक कहीं और कैंपस की योजना नहीं है। यह कैंपस 2024 से शुरू होगा। दाखिला प्रक्रिया आईआईटी काउंसिल की कमेटी द्वारा की जाती है और दाखिले में कोई समझौता नहीं होगा। अगर आप अबूधाबी कैंपस में दाखिला लेना चाहते हैं, तो आपको जेईई एडवांस के आधार पर सीट मिलेगी। विदेशी छात्रों के लिए भी अलग-अलग नियम हो सकते हैं। अबूधाबी कैंपस में कई विषयों पर काम होगा जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, हेल्थ और रिसर्च।
10 सीजीपीए प्राप्त करने वाली छात्रा होगी सम्मानित
10 सीजीपीए प्राप्त करने वाली एक छात्रा सम्मानित होगी, जो आईआईटी दिल्ली के 54वें दीक्षांत समारोह में आयोजित किया जाएगा। इस समारोह में प्रोफेसर गगनदीप कांग, जो क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल साइंसेज विभाग के प्रसिद्ध माइक्रोबायोलॉजिस्ट और वायरोलॉजिस्ट हैं, मुख्य अतिथि होंगे।
समारोह में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी प्रोग्राम के कुल 2350 छात्रों को उनकी डिग्री दी जाएगी। अत्यंत महत्वपूर्ण बात यह है कि समारोह में एक पीएचडी छात्रा को जो 10 में से 10 सीजीपीए प्राप्त कर लेती है, सम्मानित भी किया जाएगा। हमारे निदेशक, प्रोफेसर रंगन बनर्जी, ने बताया है कि दीक्षांत समारोह की तैयारी शुरू हो गई है। समारोह में शिक्षा में उत्कृष्टता प्रदर्शित करने वाले पांच छात्रों को एल्युमनाई अवार्ड और दो गोल्ड अवार्डों से सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा, प्रेजीडेंट, डायरेक्टर और अन्य अवार्ड भी इस समारोह में शामिल होंगे।
पेरिस विश्वविद्यालय के साथ कैंसर, बॉयोमेडिकल पर होगी रिसर्च
पेरिस विश्वविद्यालय, आईआईटी दिल्ली और पेरिस की सोर्बोन यूनिवर्सिटी ने संयुक्त रिसर्च और शैक्षणिक क्षेत्र में काम करने के लिए सहमति की है। इन दोनों देशों के उच्च शिक्षा संस्थान स्वास्थ्य क्षेत्र में साथ मिलकर शोध करेंगे। इसमें, वैज्ञानिक और छात्र दोनों शिक्षा संस्थानों के साथ मिलकर कैंसर, बायोमेडिकल, बायोटेक्नोलॉजी, न्यूरोसाइंसेज़, इंजीनियरिंग से संबंधित विषयों पर शोध करेंगे।