ICAI ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स यानि सीए के लिए एक नई स्कीम तैयार की है, जिसके तहत देशभर में एक जुलाई से यह स्कीम लागू होगी। इसमें फाइनल परीक्षा से पहले होने वाली आर्टिकलशिप की अवधि दो वर्ष कर दी गई है, जो पहले तीन वर्ष थी। यह स्कीम चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
नई स्कीम में ज्यादा टेक्नोलॉजी मॉड्यूल शामिल किए गए हैं अंतिम वर्ष की परीक्षा में मल्टी डिसिप्लिनरी केस स्टडी पेपर को जोड़ा गया है जो कि अनिवार्य है। ICAI अध्यक्ष अनिकेत सुनील तलाती के अनुसार चार्टर्ड अकाउंटेंट को लैस दक्षताओं से वैश्विक प्रोफेशनल का निर्माण किया जाना है। इसलिए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने अंतरराष्ट्रीय शिक्षा मानकों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) का पालन करते हुए नई शिक्षा योजना तैयार की है।
इस योजना के तहत प्रत्येक विषय में 30 अंकों के केस आधारित बहु विक्पीय प्रश्नों से स्टूडेंट्स के मूल्यांकन किया जाएगा। इस पेपर में स्टूडेंट्स के उच्च स्तरीय स्किल और प्रोफेशनल क्षमता का आंकलन किया जाएगा।
सीए तीन स्तर पर होता हैं जिनमें फाउंडेशन, इंटरमीडिएट और फाइनल कोर्स शामिल हैं। नई योजना के अनुसार, फाउंडेशन कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया दो अगस्त से शुरू होगी। जबकि इंटरमीडिएट और फाइनल कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया एक जुलाई से शुरू होगी।
इस नयी प्रणाली के अनुसार, पहली फाउंडेशन परीक्षा जून 2024 में आयोजित की जाएगी, इंटरमीडिएट और फाइनल परीक्षा मई 2024 में आयोजित होगी। मौजूदा प्रणाली में, आखिरी फाउंडेशन परीक्षा दिसंबर 2023 में और इंटरमीडिएट और फाइनल परीक्षा नवंबर 2023 में होगी।
स्थायी पंजीकरण प्रक्रिया में स्पष्टता नहीं है, जिसके कारण विदेशी मेडिकल ग्रेजुएशन छात्र परेशान हो रहे हैं। छात्रों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान देश में लौटने वाले छात्रों के साथ गलत व्यवहार हो रहा है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के नोटिस से हजारों एफएमजी छात्रों को स्थायी पंजीकरण (पीआर) को लेकर परेशान होना पड़ रहा है।
फोर्डा के महासचिव सर्वेश पाण्डे ने बताया कि पहले से कोई नोटिस नहीं था कि एफएमजी छात्रों को दो साल का इंटर्नशिप करना होगा। बाद में जुलाई 2022 में एक नोटिस निकाला गया, जबकि कोरोना महामारी के दौरान प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में ऑनलाइन क्लास कर रहे छात्रों को भी एक साल का इंटर्नशिप करना होगा। वहीं विभिन्न राज्यों में विदेश से पढ़ाई वाले छात्रों के लिए एक साल की इंटर्नशिप की व्यवस्था है।