आधिकारिकों ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय आगामी शैक्षणिक वर्ष में राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की जाने वाली विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (CUET) के माध्यम से डॉक्टरेट कोर्स में छात्रों को एडमिशन दिया जायेगा। यह दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए पहली बार होगा जब डॉक्टरेट कोर्स में एडमिशन अन्य लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से नहीं होगा। यह फैसला कार्यमंडल की मीटिंग में लिया गया था, जहां 5 वर्षीय एलएलबी कोर्स को भी मंजूरी दी गई।
विश्वविद्यालय की एक घोषणा के अनुसार, डॉक्टरेट यानि पीएचडी कोर्स में एडमिशन CUET (PhD)-2023 के आधार पर होगा, जो कि शैक्षणिक परिषद के स्थायी समिति की सिफारिश के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए, शैक्षणिक सत्र 2023-24 के अंतर्गत आवेदन और उपस्थिति के विभिन्न मसलों पर विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया गया था, जो कि कार्यमंडल द्वारा स्वीकृति भी प्राप्त कर गया था।
डीयू ने 2022 में CUET-UG के माध्यम से UG कोर्स में एडमिशन लेना शुरू किया था और CUET PG के माध्यम से PG कोर्स में छात्रों को एडमिशन दिया गया। लेकिन अब से प्रवेश परीक्षा CUET (PhD)-2023 के माध्यम से पीएचडी कोर्स में भी एडमिशन लिया जा सकता है। हालंकि, अधिकारियों ने यह भी बताया है कि शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों में काम करने वाले व्यक्तियों को सीधे इंटरव्यू में भाग लेने की योग्यता है।
इसके अलावा, अधिकारियों ने यह भी कहा है कि शिक्षण और गैरशिक्षण स्टाफ के कार्यालय के समय पर प्रभाव नहीं पड़ेगा और कक्षाओं और परीक्षाओं में भाग लेने की अनुमति दी जा सकती है। ये नियम डॉक्टरेट कोर्स के लिए शैक्षणिक सत्र 2023-2024 से लागू होंगे।
इसके अतिरिक्त, मेडिकल साइंस कोर्स एडमिशन कमेटी (MCAC) द्वारा अंडरग्रेजुएट कोर्स (MBBS / BDS) के लिए योग्यता मानदंड और सीट आवंटन की सिफारिशें भी शैक्षणिक सत्र 2023-2024 के लिए अनुमोदित की गई है। इसके अलावा, एमएससी के श्वसन थेरेपी प्रोग्राम के लिए भी CUET (PG)-2023 के माध्यम से एडमिशन दिया जाएगा।